FSL रिपोर्ट से हुआ हत्या का खुलासा, मां पर गलत नजर रखने के चलते दोस्त ने ही दोस्त को खाने में जहर देकर उतारा था मौत के घाट

विगत 2 मई को जनपद ऊधम सिंह नगर की सिडकुल चौकी पर सूचना मिली कि ग्राम छतरपुर में किराये पर रहने वाला एक लड़का अपने कमरे में मृत पडा हैं । इस सूचना पर प्रभारी निरीक्षक पंतनगर एवं चौकी सिडकुल द्वारा मौके पर जाकर मालूमात किया तो पता चला कि मृतक का नाम पीयूष राणा पुत्र सुनील राणा निवासी श्रीपुर बिचवा थाना खटीमा उम्र 26 वर्ष है । आसपास पूछताछ की तो पता चला कि मृतक अशोक लीलेन्ड कंपनी में काम करता था व अपने दोस्त सोनू पुत्र विनोद कुमार निवासी कंजाबाग थाना खटीमा ऊ0सि0नगर के साथ छतरपुर में किराए के मकान में रहता था । एक दिन पूर्व ही मृतक का दोस्त सोनू अपने घर खटीमा गया हुआ था तथा मृतक का दोस्त अभिषेक राना पुत्र स्व0 पूरन सिंह निवासी- चारुबेटा ( मंदिर वाली गली ) थाना खटीमा ऊधम सिंह नगर उसके साथ रात में कमरे में रुका था । मृतक के कमरे की तलाशी ली गई तो उसके कमरे से मृतक के सामान के अलावा एक शीशी व एक एविल इंजेक्शन तथा बर्तनो में पका हुआ खाना दाल और चावल मिले । मौके पर मिले इंजेक्शन, शीशी तथा पके हुए दाल व चावल को पुलिस द्वारा कब्जे पुलिस लिया गया तथा शव का पंचायतनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया । पोस्टमार्टम में भी मृतक पीयूष राणा की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो सका तथा मृतक का विसरा संरक्षित किया गया । घटना के सम्बंध में मृतक के परिजनो एवं दोस्त सोनू व अभिषेक सहित कई लोगो से काफी गहन पूछताछ की गई किंतु किसी के भी द्वारा कोई लाभप्रद जानकारी नहीं दी गई थी ना ही किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई ठोस साक्ष्य ही उपलब्ध थे । संदिग्ध परिस्थितियों में हुई पीयूष राना की मृत्यु के सम्बंध में कोई साक्ष्य उपलब्ध ना होने की दशा में भी पुलिस द्वारा जाँच जारी रखते हुए मृतक का बिसरा एवं मृतक के कमरे से बरामद शीशी, इंजेक्शन तथा पके हुए दाल चावल परीक्षण हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया । जिसकी परीक्षण रिपोर्ट में मृतक के बिसरा एवं मौके से मिले भोजन दाल और चावल में जहर होने की पुष्टि हुई । FSL रिपोर्ट  प्राप्त होने पर मृतक के दादा रामकिशन  पुत्र साधुराम निवासी- श्रीपुर बिचवा थाना खटीमा ऊधम सिंह नगर की तहरीर पर थाना पंतनगर में धारा 302/328 IPC बनाम- अभिषेक राणा पंजीकृत किया गया । अभियोग में अभि0 अभिषेक राना उपरोक्त से पुनः पूछताछ की गई तो उसके द्वारा अपना जुर्म कबुल कर बताया कि उसके द्वारा ही पीयूष राणा के खाने में जहर मिलाया था । अभि0 ने अपने ही दोस्त की हत्या करने में चौकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि वह मृतक पीयूष राना को पिछले 02 वर्ष से जानता था । पीयूष उसके घर पर भी आता जाता रहता था । पीयूष अक्सर अभिषेक की माँ के लिए गलत बोलता रहता था तथा उसकी माँ पर गलत नजर भी रखता था । यही बात अभिषेक को बुरी लगती थी । अभिषेक ने पीयूष को कई बार बोला भी कि मेरी माँ के लिए ऐसा मत बोला लेकिन पीयूष नहीं माना । इसी बात को लेकर तथा पीयूष को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से अभिषेक 1 मई को घर से ही जहर लेकर पीयूष के साथ कंपनी में काम करने की बात कहकर उसके कमरे में आया । पीयूष कमरे में अकेला था मौका पाकर अभिषेक ने पीयूष के भोजन दाल व चावल में जहर सल्फास मिला दिया ।  जब पीयूष ने अभिषेक को भी खाने के लिए कहा तो अभिषेक ने यह कहकर खाना खाने से मना कर दिया कि वह लंबा सफर करके आया हैं उसे चक्कर आ रहे है तथा खाना खाने का मन नहीं कर रहा हैं । उसके बाद अभिषेक ने कमरे का दरवाजा अंदर से बन्द कर दिया तथा सोने का नाटक करने लगा । जब पीयूष ने खाना खाया तो रात में उसकी तबियत बिगडने लगी तो अभिषेक उसे मरते देखता रहा । जहर देकर अभिषेक मौके से इसलिए नहीं भागा कि कहीं पीयूष की कोई मदद ना कर दें । रात भर पीयूष तडफता रहा तथा अभिषेक उसके मरते देखता रहा । सुबह तक पीयूष तडफकर मर गया तो अभिषेक ने पीयूष को कंबल उढा दिया ताकि ऐसा लगे कि वह सोया हैं । सुबह के समय पीयूष का दोस्त सोनू घर से जल्दी ही आ गया तथा उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अभिषेक ने दरवाजा खोला । पीयूष को सोता समझकर सोनू भी कमरे से अपनी बाईक उठाकर चला गया । सोनू के जाते ही अभिषेक ने फटाफट कमरे से अपना सामान लिया तथा कमरे का दरवाजा बाहर से बन्द कर बस से वापस अपने घर खटीमा चला गया । सोनू जब ड्यूटी खत्म कर वापस कमरे में आया तो उसने देखा कि पीयूष कंबल ओढे लेटा हैं उसने उसे जगाने के लिए कंबल हटाया तो देखा कि पीयूष के मुँह से झाग निकला हैं तब सोनू ने इसकी सूचना सभी को दी । घटना को करीब ढाई माह बीत जाने के बाद अभि0 अभिषेक निश्चिन्त हो चुका था कि वह अब नहीं फँसेगा किन्तु पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में हुई पीयूष की मृत्यु का राज जानने के लिए अपनी जाँच जारी रखी तथा फोरेन्सिक सांइस की मदद से अभियुक्त के विरुद्ध ठोस साक्ष्य जुटाए । अभि0 अभिषेक को पुलिस द्वारा 24 जुलाई को उसके घर से गिरफ्तार किया गया जिसे मा0 न्यायालय पेश किया जा रहा हैं ।

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