उत्तराखंड में खनन माफिया बेलगाम, एसडीओ को अवैध खनन रोकना पड़ा भारी,खनन माफिया ने एसडीओ आवास पर पथराव कर भेजा धमकी भरा पत्र

रामनगर। कोसी नदी में अवैध खनन पर कार्रवाई करना एसडीओ को भारी पड़ गया। मंगलवार सुबह खनन माफिया के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले एसडीओ मनीष जोशी के आवास पर रात को अज्ञात हमलावरों ने पथराव कर दिया। परिसर में खड़ी सरकारी बोलेरो के शीशे तोड़ डाले और धमकी भरा पत्र फेंककर चले गए। पत्र में साफ लिखा था—“हवा में गोली चलाने को तुम मजबूर हो, हम नहीं… संभल जाओ।” घटना के बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है। मंगलवार सुबह एसडीओ मनीष जोशी ने कोसी नदी के खड़ंजा गेट पर अवैध खनन की सूचना पर टीम के साथ छापा मारा। कार्रवाई के दौरान खनन माफिया ने उन्हें घेर लिया और हाथापाई करने लगे। हालात बिगड़ते देख टीम को हवाई फायरिंग कर जान बचानी पड़ी। इसके बाद एसडीओ ने कोतवाली में तहरीर दी और खड़ंजा गेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया।
उधर, खनन माफिया और ट्रक चालकों ने भी एसडीओ के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी और टीम पर मारपीट का आरोप लगाया। इसी तनातनी के बीच रात करीब साढ़े दस बजे हमलावरों ने वन विभाग परिसर स्थित एसडीओ के आवास पर हमला बोल दिया। परिसर में खड़ी बोलेरो को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और धमकी भरा पत्र फेंका गया, जिसमें लिखा था कि "अब पानी सर से ऊपर जा रहा है… जंगल में कुछ हुआ तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे।" बुधवार सुबह एसडीओ मनीष जोशी, जसपुर एसडीओ संदीप गिरी के साथ कोतवाली पहुंचे और कोतवाल अरुण कुमार सैनी से मुलाकात कर सुरक्षा की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि हमलावर कौन थे, रात होने के कारण पहचान नहीं हो सकी, लेकिन अंदेशा है कि खनन माफिया ही इसके पीछे हैं। पुलिस ने मौके से मिले पत्र और परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। कोतवाल ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। अवैध खनन की लूट और फिर सीना जोड़ी—खाकी को चुनौती देने वाले खनन माफिया अब सरकारी अफसरों को खुलेआम धमकाने लगे हैं। जंगल में कानून से ज्यादा खौफ अब माफिया का नजर आ रहा है।

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