अटरिया मेले में गुंडागर्दी का तांडव, महिलाओं और बच्चों पर झूले संचालकों का हमला,हमले में घायल युवक की हालत नाजुक

रुद्रपुर के अटरिया देवी मंदिर के पास चल रहे मेले में ठेकेदारों और झूला संचालकों की मिलीभगत से गुंडागर्दी का माहौल लगातार गहराता जा रहा है। हाल ही में एक परिवार के साथ घटी घटना ने मेले की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहाँ झूला संचालकों ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा।
घटना उस वक्त हुई जब पीड़ित परिवार ने झूला झूलने के लिए टिकट खरीदी, लेकिन अचानक आए आंधी-तूफान और बिजली गुल हो जाने के कारण झूला नहीं चल सका। परिवार ने जब टिकट के पैसे वापस करने की माँग की, तो झूले वालों ने न केवल इनकार किया बल्कि गालीगलौज करते हुए झगड़ा शुरू कर दिया। देखते ही देखते झूले वालों ने अपने साथियों को बुला लिया और पूरे परिवार के साथ मारपीट शुरू कर दी।
परिवार का आरोप है कि हमलावर धारदार हथियारों और लोहे की रॉड से लैस थे। महिलाओं और बच्चों को भी पीटा गया, और एक पुरुष सदस्य को बुरी तरह घायल कर दिया गया। किसी तरह जान बचाकर परिवार वहां से भागा और प्राथमिक उपचार कराया। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पीड़ित महिलाओं की चीख-पुकार साफ सुनाई दे रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि जब आरोपियों द्वारा परिवार के साथ मारपीट और अभद्रता की जा रही थी, उस समय महिलाएं और बच्चे मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन न तो आसपास मौजूद लोगों ने मदद की और न ही मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कोई हस्तक्षेप किया। इस बेरुखी और प्रशासनिक लापरवाही ने हालात को और भी गंभीर बना दिया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अटरिया मेले में विशेष समुदाय के ठेकेदारों का कब्जा है, जो अपने परिचितों को ही झूले और मनोरंजन साधनों का ठेका देते हैं। ये लोग आए दिन मेले में घूमने आए हिंदू परिवारों के साथ दुर्व्यवहार, गालीगलौज और मारपीट जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। पीड़ित परिवार ने सिडकुल पुलिस को लिखित शिकायत देकर न्याय की माँग की है और आरोप लगाया है कि मारपीट करने वालों को मेले के ठेकेदारों का संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते वे पूरी दबंगई और बेखौफी से इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं। यह घटना न सिर्फ मेले में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है, बल्कि प्रशासनिक संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े करती है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं।

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1 Comments

  1. Mere sath bhi ki unhone ak din is tarah ki battamiji

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