रुद्रपुर। विधायक शिव अरोरा ने अपने कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा बंगाली समाज को दी गई दो महत्वपूर्ण सौगातों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि उनकी देहरादून में मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात के दौरान उन्होंने बंगाली समाज की दो मुख्य मांगों को लेकर एक लिखित पत्र सौंपा था।
विधायक अरोरा ने बताया कि बंगाल विभाजन के बाद इस्लामिक कट्टरपंथ के विरोध में अपनी संस्कृति और धर्म की रक्षा करते हुए बंगाली समाज के लोग भारत के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में आकर बसे। उन्होंने तराई के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन आज भी कई मेधावी छात्र आर्थिक तंगी के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने विधायक शिव अरोरा के निवेदन पर "हरिचाँद गुरुचाँद स्मृति छात्रवृत्ति कोष" की स्थापना को मंजूरी दी है। इस कोष की देखरेख के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें जिलाधिकारी अध्यक्ष होंगे और सीडीओ, मुख्य कोषाधिकारी के साथ-साथ बंगाली समाज के तीन प्रतिनिधि (एक उपाध्यक्ष व दो सदस्य) शामिल होंगे।
विधायक ने कहा कि यह छात्रवृत्ति योजना बंगाली समाज के होनहार विद्यार्थियों के लिए शिक्षा के नए द्वार खोलेगी और उनके सपनों को पंख देगी। इससे वे आर्थिक समस्याओं के बावजूद उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
विधायक शिव अरोरा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को एक अन्य पत्र के माध्यम से बंगाली भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल करने की भी मांग की थी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में मातृ भाषाओं को प्राथमिकता दी गई है, और बंगाली बहुल क्षेत्रों में छात्रों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने की व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में सचिव विद्यालयी शिक्षा को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दे दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर स्तर तक बंगाली भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, साथ ही बंगाली भाषा पढ़ाने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति भी की जाएगी।
विधायक ने मुख्यमंत्री द्वारा बंगाली समाज के प्रति दिखाई गई संवेदनशीलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि यह निर्णय समाज को अपनी भाषा और संस्कृति से जोड़ने में सहायक होगा।
प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व मंडी चेयरमैन के के दास, बंगाली सभा अध्यक्ष राजकुमार साह, बलाई विश्वास, तरुण दत्ता, जगदीश विश्वास, मानवेन्द्र राय, शिव कुमार राय, गोविन्द राय, मुकेश मंडल, शंकर विश्वास, गजेंद्र प्रजापति और मयंक कक्कड़ समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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