गदरपुर ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया है। गदरपुर वार्ड संख्या 5 निवासी परमजीत सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर गंभीर आरोप लगाए हैं कि ग्रामसभा विजय नगर तृतीय से निर्विरोध निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्य श्रीमती जसविंदर कौर ने नामांकन के दौरान जो हाईस्कूल प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, वह पूरी तरह से फर्जी और कूटरचित है।
परमजीत सिंह का कहना है कि उनकी माता स्वयं भी उसी ग्रामसभा से पूर्व में निर्वाचित हो चुकी हैं। उन्होंने जब निर्वाचन प्रक्रिया की पड़ताल की तो पाया कि जसविंदर कौर द्वारा प्रस्तुत शैक्षिक प्रमाण पत्र की सत्यता संदेहास्पद है। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वह प्रमाण पत्र किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से जारी नहीं हुआ है, और न ही संबंधित रजिस्ट्रेशन नंबर वैध है।
तहरीर में परमजीत सिंह ने यह भी आरोप लगाया है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने और पूरे षड्यंत्र को अंजाम देने में जसविंदर कौर के पुत्र करण रंधावा और भतीजे गगनदीप सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने तीनों पर सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
परमजीत सिंह के अनुसार, इस मामले में सिर्फ निर्वाचन आयोग ही नहीं बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था, शासन व्यवस्था और आम जनमानस की आस्था के साथ विश्वासघात किया गया है। उन्होंने तीनों आरोपियों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
शिकायतकर्ता ने यह भी कहा कि यदि ऐसे मामलों में कठोर कदम नहीं उठाए जाते, तो आगे भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे जनप्रतिनिधि बनने का सिलसिला जारी रहेगा, जिससे लोकतंत्र को आघात पहुंचेगा।
इस पूरे प्रकरण को लेकर स्थानीय जनता में भी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों ने भी जांच के बाद दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि तहरीर के आधार पर सभी तथ्यों की गहनता से जांच की जा रही है और जांच के उपरांत उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह मामला चुनाव आयोग की गरिमा और पारदर्शिता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करेगा। फिलहाल क्षेत्र पंचायत सदस्य जसविंदर कौर और उनके परिजन इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में पुलिस जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और क्या दोषियों को कानून के कठघरे में लाया जा प
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